गीत - रच डारे ✅ गायक -दिवेश साहू ✅ गीतकार - गौतम गुरु जी ✅ निर्माता - महतारी सेवा //RACH DAARE JAS LYRICS, CGJASLYRICS
✅ गीत - रच डारे
✅ गायक -दिवेश साहू
✅ गीतकार - गौतम गुरु जी
✅ निर्माता - महतारी सेवा
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रच डारे ,भर दिये भंडार जग ल रच डारे
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रच डारे ,भर दिये भंडार जग ल रच डारे - २
उड़ान -" हे जगके सिरमोतीन दाई ,अजब हावय ओ तोर
चरिताई
किसम किसम के रंग म रंग डारे
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अंतरा - 1
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झाड़ झरोखा हरियर हरियर लता पेड़ के डारी ओ
बर पीपर अउ तुलसी लीम के जग म करे अधारी ओ
पानी बनाये पियास मिटाये नदिया नरवा कसारी ओ
पानी घलो म जल के रहईया जिव बनाये चारी ओ
उड़ान - " कस डारे ----ये ये ओ ओ ओ
अपन मया के गाठ म दाई कस डारे
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अंतरा -
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का महिमा मैं फूल के गावव केसु मोंगरा के फुले ओ
जेन दुनिया भर ल महकाये सावन झूलना झूले ओ
चिरई चिरगुन पंछी परेवना ये रचना कोन भूले ओ
होवत बिहनिया चीव चीव करथे मया के रस म घुले ओ
उड़ान - " कर डारे ---ये ये ओ ओ ओ "
ये धरती के हरा सिंगारी कर डारे
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अंतरा - 3
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कईठन रूप के जिव बनाये बेंदरा भालू बघवा ओ
कोनो खाये घास चाबे न कोनो मॉस बर अगवा ओ
सब झन बर तै चारा बनाये दार चना अउ गेहुवा ओ
अपन अपन सब भाग ल पाके मिटाये पेट के भूखवा ओ
उड़ान - " हर डारे -----ये ये हो ओ ओ "
सब झन के दुःख पीड़ा हर डारे
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अंतरा -4
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सब ले अलग तोर रचना हे दाई ये मनखे के चोला ओ
जेन तोर गुण ल गावत रहिथे आस रखे सब तोला ओ
सब झन बर जइसे मया बगराये झन भुलाबे मोला ओ
मोरो पुराबे मन के मनौती भर देबे खाली झोला ओ
उड़ान - " लिख डारे ------ये ये ये ओ ओ ओ
गौतम तोरे महिमा दाई लिख डारे
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